वैश्विक COVID-19 महामारी जैसी अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद, गीता समोटा ने अपने "Seven Summits" अभियान के सपने को कभी डगमगाने नहीं दिया। वर्ष 2021 और 2022 की शुरुआत के बीच उन्होंने माउंट कोसियस्ज़को (ऑस्ट्रेलिया - 2,228 मी.), माउंट एल्ब्रस (रूस - 5,642 मी.), माउंट किलिमंजारो (तंजानिया - 5,895 मी.) और माउंट एकॉनकागुआ (अर्जेंटीना - 6,961 मी.) जैसे दुर्गम पर्वतों पर मात्र 6 महीने और 27 दिनों में विजय प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की। इसके साथ ही वे 'Seven Summits' अभियान में इतनी तेजी से प्रगति करने वाली भारत की सबसे तेज़ महिला पर्वतारोही बन गईं।
उनकी यह अद्वितीय यात्रा यहीं नहीं रुकी। लद्दाख के रूपशु क्षेत्र में महज तीन दिनों के भीतर उन्होंने पांच चोटियों पर सफल चढ़ाई की — जिनमें तीन 6,000 मीटर से अधिक और दो 5,000 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित थीं। यह कारनामा उन्हें पहली और सबसे तेज महिला पर्वतारोही बनाता है, जिसने यह कठिन उपलब्धि हासिल की।
गीता समोटा की ये सफलताएँ उनकी अटूट प्रतिबद्धता, साहस, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक हैं। उनके प्रयासों को देशभर में सराहा गया है। उन्हें दिल्ली महिला आयोग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पुरस्कार 2023 तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा "Giving Wings to Dreams Award 2023" से सम्मानित किया गया।
गीता का दृष्टिकोण उतना ही प्रेरणास्पद है जितनी उनकी यात्रा। वे कहती हैं,
"पहाड़ सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं - वे आपके लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करते। केवल वही लोग इन ऊंचाइयों को छू सकते हैं, जिनके भीतर एक खास 'एक्स-फ़ैक्टर' होता है।"
यह सोच आज की पीढ़ी को आत्मबल, समर्पण और लैंगिक समानता का स्पष्ट संदेश देती है।
CISF ने भी उनके अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई है - उन्हें ABVIMAS मनाली में शीतकालीन प्रशिक्षण दिलवाने से लेकर, अभियानों के लिए आवश्यक सहयोग तक। गीता ने न सिर्फ़ ऊँचे पहाड़ों को फतह किया, बल्कि महिलाओं की क्षमताओं को लेकर बनी सामाजिक धारणाओं को भी चुनौती दी है।
उनकी इस ऐतिहासिक सफलता से प्रेरित होकर, CISF अब वर्ष 2026 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए एक समर्पित CISF पर्वतारोहण दल भेजने की योजना बना रहा है। यह सिर्फ़ एक अभियान नहीं, बल्कि संगठन की साहसिक भावना, समर्पण और आत्मविश्वास का प्रतीक होगा।
बल के महानिदेशक सहित समस्त अधिकारी एवं कार्मिक गीता समोटा को इस ऐतिहासिक उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं।
उनकी यह असाधारण यात्रा न केवल भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि पूरे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल समुदाय के लिए भी अत्यंत गर्व का क्षण है।
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